बिहार के गोपालगंज में सत्तर घाट महासेतु का उद्घटान किया था लेकिन गंडक नदी के बहाव में इस इस पुल के अप्रोच रोड ध्वस्त होने की खबर ने लोगो को चौका दिया, खबर आग की तरह फैली की गोपालगंज और चंपारण को जोड़ने वाली इस महासेतु के इस अप्रोच रोड के ध्वस्त होने से आवागमन पूरी तरह बाधित हो गया है,
263.47 करोड़ रुपये की लागत से गंडक नदी पर बना सत्तर घाट पुल पर पूर्वी चंपारण जिले को गोपालगंज जिले से जोड़ेगा, केसरिया के ढेकहां गांव के गंडक नदी पर यह पुल बना है, इस पुल के बनने के बाद चंपारण की गोपालगंज, छपरा व सीवान से दूरी कम हो जाएगी, वही इस पुल के उद्घाटन के वक्त मुख्यमंत्री ने कहा था कि पटना से बिहार के किसी भी जिले में पहुँचने में महज 5 घंटे लगेंगे.
मीडिया में सत्तर घाट पुल के क्षतिग्रस्त होने की झूठी खबर चल रही है। इस मामले में सही तथ्य निम्नवत है।@RCD_Bihar pic.twitter.com/NJ1IivYvuy
— IPRD Bihar (@IPRD_Bihar) July 16, 2020
वही सरकार के द्वारा एक रिलीज जारी कर बताया गया है कि सत्तर घाट मुख्य पुल से लगभग दो किलोमीटर दूर गोपालगंज की ओर एक 18 मी लंबाई के छोटे पुल का पहुँच पथ कट गया है, सत्तर घाट पुल को कोई नुकसान नही हुआ है.