बिहार सेकेंडरी टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट, 2019 के रिजल्ट में कई बच्चे के अंकों में गड़बड़ी देखी गई। ऐसे में पिछले साल कोरोना महामारी के कारण रिजल्ट घोषित करने में काफी समय लग गया पर बोर्ड द्वारा कहा गया था कि सभी बच्चो को पास किया जाएगा, और जिनके कम अंक आए है उन्हे ग्रेस मार्किंग से पास कर दिया जाएगा। परंतु परिणाम उपेक्षित न था, ऐसे में पटना स्तिथ बोर्ड ऑफिस के बाहर प्रदेश के छात्र छात्राओं द्वारा प्रदर्शन किया गया।

छात्रों ने बिहार सरकार और बोर्ड के समक्ष पत्र लिख रखी अपनी ये मांगें :-
- विशेयबार कटऑफ के आधार पर मेधा सूची जारी क्यों नही की गई।
- पुरुष और महिला वर्ग का कटऑफ अलग अलग जारी क्यों नही की, ताकि सही जानकारी मिल सके, कितने वर्ग पर छात्रों का चयन हुआ है।
- किस विषय में कितनी रिक्तियां थी,कितना रिजल्ट जारी हुआ। इसे स्पष्ट क्यों नही किया गया।
- जब तह सीटों से कम रिजल्ट हुआ तो अभ्यर्थी मेरिट से बाहर कैसे हुए, इसका जवाब देना चाहिए।
- बिहार बोर्ड ने रिजल्ट के समय ही कटऑफ क्यों नही निकाला, एकाएक एक मेरिट डाल दिया गया।
- महिला अभ्यर्थी का 33% आरक्षित है उस अनुरूप रिजल्ट क्यों नही दिया गया।
- शिक्षामंत्री ने प्रेस कान्फ्रेस में कहा था जो सफल हुए सभी की नौकरी पक्की है। फिर बाहर क्यों किया गया।
- बिहार बोर्ड ने जिन 12 विषय का रिजल्ट पूर्व में जारी किया था, उसमें विषय बार सफल छात्रों की संख्या क्यों नही दी थी, उसमें सिर्फ रिक्तियां बताई गई थी।
REPORT : AKSHAY DEEP