बाढ़ से सूबे की जनता त्रस्त, डबल इंजन की सरकार पीएम -सीएम करने में मस्त : राजू दानवीर

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RAJU DANVEER, JAP

पटना, 3 अगस्त : बिहार में भारी बारिश के बाद आई बाढ़ से प्रदेश की जनता त्राहिमाम कर रही है। बिहार के कई जिले जल प्रलय का सामना कर रहे हैं, ऐसे में जानमाल की क्षति भी खूब हुई है, जिसके बाद जनता मदद के लिए सरकार की ओर देख रही है। लेकिन सरकार की ओर से अभी तक बाढ़ राहत कार्य के नाम पर कुछ नहीं हो रहा। डबल इंजन की सरकार बस पीएम – सीएम खेलने में लगे हैं। अधिकारी व ठेकेदार लूटने में लगे हैं। ये कहना है जन अधिकार युवा परिषद के बिहार प्रदेश अध्यक्ष राजू दानवीर का।

राजू दानवीर ने साथ ही सरकार से बाढ़ पीड़ितों के लिए 6 माह का राशन, पशुओं के लिए चारा और 10 हजार रुपये नकद हर परिवार को देने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि बिहार में बाढ़ हर साल सरकार की लापरवाही और अधिकारियों व ठेकेदारों की लूट की वजह से आती है। सरकार और उनके अधिकारी कभी नहीं बाढ़ का स्थायी समाधान निकालना चाहते हैं, जिसका खामियाजा हर साल जनता को भुगतना होता है। ऐसे में ये जिम्मेदारी सरकार की बनती है कि मुसीबत के इस वक़्त में वे जनता की मदद करे और उन्हें 6 माह का राशन और 10 हजार नकद राशि प्रदान करे। साथ ही किसानों को उचित मुआवजा भी मिले, क्योंकि हजारों हेक्टेयर में लगा उनका फसल बर्बाद हो गया है।

नालंदा जिले में आई बाढ़ को लेकर भी राजू दानवीर ने चिंता जाहिर की और कहा कि पश्चिम में लोकाइन तो पूरब में पंचाने और जिराइन नदियां कहर बरपा रही हैं। टूटा तटबंध की मरम्मत नहीं हुई है। हजारों एकड़ खेतों में लगीं फसलें जलप्रलय में तबाह हो गयी हैं। हिलसा के चिकसौरा बाजार में बाढ़ का पानी करीब तीन फीट घुस गया। हिलसा की पांच पंचायतों के 60 गांव में रहने वाली करीब 70 हजार की आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई हैं। करायपरसुराय की तीन पंचायतों के 21 गांवों के खंधे पानी में डूब गये हैं। रहुई के चार तो बिंद के आठ गांवों के किसानों की कमर बाढ़ ने तोड़ दी है। हिलसा और करायपरसुराय के चार गांवों के लोग घरों को छोड़कर सड़कों पर रह रहे हैं। स्थिति भयावह बनी हुई है। मुख्यमंत्री जी अपने गृह जिले का ख्याल करें और सरकारी स्तर पर यहां जल्द से जल्द राहत व बचाव कार्य को शुरू करवाएं।

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