ऑक्सीजन मामले पर केंद्र के बयान पर राजू दानवीर ने किया पलटवार

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कोरोना काल में ऑक्सीजन की कमी से एक भी लोगों की मौत नहीं हुई, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री का यह बयान दुर्भाग्यपूर्ण और हास्यास्पद है। अगर लोगों की मौत ऑक्सीजन से नहीं हुई तो क्या लोगों ने आत्महत्या की? उस वक़्त श्री पप्पू यादव पागलों की तरह अस्पताल से लेकर हर जगह ऑक्सीजन सिलिंडर पहुंचा रहे थे, क्यों? आखिर क्यों उस वक़्त ऑक्सीजन की कालाबाज़ारी हो रही थी?क्यों ऑक्सीजन को बाउंसर की सुरक्षा में ले जाया जा रहा था? सिर्फ पटना में छोटे से बड़े ऑक्सीजन सिलिंडर 20 से 50 हजार तक में बिक रहे थे। केंद्र सरकार ने भी दूसरे देशों से ऑक्सीजन की खेप मंगाई थी। अगर ऑक्सीजन से लोगों की मौत नहीं हो रही थी तो ये सब क्यों था। लोगों की मौत ऑक्सीजन की कमी और कालाबाज़ारी, वेंटीलेटर की कमी और कालाबाज़ारी, एम्बुलेंस और दवाओं की कालाबाज़ारी की वजह से हो रही हुई थी। केंद्रीय मंत्री के इस बयान साफ जाहिर होता है कि वे सिर्फ जुमला ही जानते हैं। उनकी कार्यशैली जुमलों वाली है। कहने को डबल इंजन की सरकार है। एक इंजन गैर जिम्मेदार वाला बयान देता है, दूसरा इंजन खामोशी से उसकी स्वीकृति देता है। आज जो लोग बोल रहे हैं, उन्होंने जनता के लिए कुछ नहीं किया। उस मुसीबत के वक्त के सिर्फ एक पप्पू यादव ही थी जो जान पर खेल कर लोगों को मदद पहुंचा रहे थे। पप्पू यादव अस्पताल से शमसान तक लोगों की सेवा कर रहे थे। आज भी पप्पू यादव जी को जनता की चिंता है। वे बार – बार कह रहे हैं कि सरकार कोरोना के तीसरी लहर की तैयारी करे, लेकिन आज भी कोई अस्पताल इसके लिए तैयार नहीं है।

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