I-PAC की ‘सबकी रसोई’ पहल ने देश के 32 शहरों में 14.98 लाख भोजन मुहैया कराया

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I-PAC की ‘सबकी रसोई’ को पहल को महज 10 दिनों में जरुरतंदों को 14.98 लाख भोजन मुहैया कराने में सफल रही है। आईपैक का यह प्रयास था कि कोई वैश्विक महामारी करोना की वजह से चल रहे राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दौरान भूख के खिलाफ कोई अपनी जंग न हारे.

इसके लिए आईपैक ने 5 अप्रैल को ‘सबकी रसोई’ पहल शुरु की। इस पहल के तहत जरूरतमंदों को 10 दिनों में कम से कम 15 लाख ताजा भोजन (1.5 लाख प्रतिदिन) उपलब्ध कराना था। आईपैक पिछले 10 दिनों में आर्थिक रूप से सबसे निचले पायदान के लोगों – प्रवासी मजदूर, दिहाड़ी कामगार और बेघरों तक भोजन पहुंचाने का प्रयास किया है.
पहले इस पहल को 20+ शहरों में शुरु किया था, लेकिन मांग को देखते हुए 20+ शहर से बढ़ाकर 33 शहर में जरूरतमंदों को भोजन मुहैया कराने का फैसला किया। इसके तहत प्रतिदिन 1.50 लाख लोगों को भोजन उपलब्ध कराने का लक्ष्य था, लेकिन ‘सबकी रसोई’ के हेल्पलाइन नंबर 6900869008 पर आ रही लोगों की मांग को देखते हुए 1.50 लाख भोजन प्रतिदिन के लक्ष्य से अधिक अब 1.80 लाख से ज्यादा लोगो को भोजन प्रतिदिन उपलब्ध कराया जा रहा है। सबकी रसोई पटना, दिल्ली, मुंबई, बैंगलोर, चेन्नई, कोलकाता, पटना, हैदराबाद और अन्य शहरों में सक्रिय रहा है। पटना में अब तक 50 हजार से अधिक भोजन मुहैया कराया जा चुका है।

I-PAC तीन तरह के संगठनों के साथ जुड़कर काम कर रही है: फूड प्रिपरेशन पार्टनर (खाना बनाने वाली बड़ी संस्थाएं), पैकेजिंग एवं डिलीवरी पार्टनर (खाने को पैक करने और पहुँचाने वाले लोग), ग्रासरूट फीडिंग पार्टनर (ज़मीनी स्तर पर भोजन कराने वाले व्यक्ति या संस्थाएँ):
• फूड प्रिपरेशन पार्टनर- प्रमाणित ट्रैक रिकॉर्ड वाली भोजन बनाने की संस्थाएं अपने कौशल एवं संसाधनों का उपयोग करते हुए स्थापित मानकों के अनुरूप अपने किचन में भोजन तैयार करेंगी।
• पैकेजिंग एवं डिलीवरी पार्टनर- पैकेजिंग और डिलीवरी वाली संस्थाएं उच्चतम मानकों का अनुपालन करते हुए भोजन के पैकेट तैयार करेंगी और नियत समय पर जरुरतमंदो तक पहुँचाना सुनिश्चित करेंगी।
• ग्रासरूट फीडिंग पार्टनर – 50 से अधिक लोगों को भोजन कराने की क्षमता या इच्छा रखने वाली संस्थाएं और व्यक्ति जरूरतमंदो को सम्मानपूर्ण तरीके से भोजन कराएंगी। इस दौरान वह लॉकडाउन के सभी प्रावधानों और सोशल डिस्टेंसिंग के दिशनिर्देशों का अनुपालन करेंगी।

इस पहल से जुड़े सभी व्यक्ति या संस्थाएं सरकार द्वारा निर्धारित लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग के सभी नियम और दिशानिर्देशों का पालन करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध थी और इस दिशा में हर संभव प्रयास किया। इस संदर्भ में लोगों को भोजन कराने वाली संस्थाएं लॉकडाउन और भीड़-भाड़ से सम्बन्धित नियमों का विशेष ध्यान रखा क्योंकि कुछ मौकों पर उन्हें अपेक्षा से ज्यादा भीड़ का सामना करना पड़ता था।

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