मुझे भी दुनिया देखनी है में दिखेंगे शक्तिमान

1973
0
SHARE

सिनेमा को समाज का दर्पण कहा गया है क्योंकि सिनेमा सिर्फ लोगों कामनोरंजन ही नहीं बल्कि वह काफी कुछ सीख भी देती है। बॉलीवुड में इन दिनोंजनजागृति वाली फिल्में काफी बनने लगी  है जिन्हें दर्शक पसंद कर रहे हैं. सत्यप्रकाश मंगतानी की यह फिल्म समाज में फैली ऐसी कुरीति को उजागरकरती है, जिसके बारे में सोचकर रोंगटे खड़े हो जाते है। दरअसल, उनकी यहफिल्म कन्या भ्रूण हत्या पर आधारित है। डॉक्टरों से पता चलने पर जिन्हें पेट मेंही मार दिया जा रहा है। जन्म लेने से पहले ही बेगुनाह बेटियों को माँ की कोख मेंही हत्या की जा रही है। फिल्म में छ: गाने है सारे गाने काफी खूबसूरत और मधुरहैं। जिन्हें गाया है कुमार सानू, अलका यागनिक, साधना सरगम, आलोक कुमार,शमहिता शैलेश और अनूप जलोटा ने फिल्म का टायटल सांग अलका याज्ञनिक ने गाया है। जिसका गीत संगीतसत्यप्रकाश मंगतानी का है। खासतौर पर “मुझे भी यह दुनिया देखनी है” सरकारके बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान से भी प्रेरित है। इसलिये सत्यप्रकाशमंगतानी चाहते हैं कि प्रदेश की सरकारें अपने-अपने राज्य में फिल्म को टैक्स फ्रीकरे, जिससे यह ज्यादा से ज्यादा दर्शकों तक यह अपनी पहुंच बना सके। बता देंकि जेनुइन एंटरटेनमेंट कार्पोरेशन के बैनर तले बनी इस फिल्म को हाल ही मेंअंतरराष्ट्रीय ब्रांड कंसल्टिंग कॉरपोरेशन यूएसए द्वारा सर्वश्रेष्ठ सामाजिकजागरूकता फिल्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। यह पुरस्कार यशराजफिल्मस के साथ “मुझे भी यह दुनिया देखनी है” को मिला है. फिल्म 28 सितंबर को बिहार और झारखंड में मां गिरिजा फिल्म्स के वितरण मेंमिशन कायाकल्प के राजीव नयन के सहयोग से रिलीज़ हो रही है। देश में सबसेपहले इस फ़िल्म को बिहार में रिलीज़ करने का मकसद ये है कि हमारे देश कीमहान सभ्यता और संस्कृति अगर कहीं बचने में सफल रही है तो यहां बिहार में।येकहना है सत्यप्रकाश मंगतानी का जो भारतीय संस्कृति को बचाने के लिए दृढसंकल्प हैं. सत्यप्रकाश फ़िल्म इंडस्ट्री के जाने माने फिल्मकार जे ओमप्रकाश केसानिध्य में रहे हैं जिन्होंने भी सामाजिक विषयों पर बेहतरीन फिल्में बनाई हैं।इसफ़िल्म का महूरत भी जे ओमप्रकाश जी ने ही किया था. कन्या भ्रूण हत्या और बेटी बचाओ पर आधारित ये मनोरंजक फ़िल्म को देखने केलिए सारे देश की जनता बेसब्री से प्रतीक्षा कर रही है. इस फ़िल्म को महाराष्ट्र सरकार की तरफ से कई अफसरों ने देखकर सन्मान पत्रदिया है और सराहना की है. इस फ़िल्म को ऑस्कर में भेजने की तैयारी चल रहीहै. सवा दो घंटे की इस फ़िल्म में दर्शकों को सामाजिक संदेश के साथ भरपूरमनोरंजन मिलेगा ऐसा कहना है शक्तिमान मुकेश खन्ना और प्रसिद्ध अभिनेत्रीजयश्री टी का जिन्होंने इस फ़िल्म में बहुत अच्छी भूमकाएँ साकार की हैं।

LEAVE A REPLY