लोकनायक जयप्रकाश की भूमि जयप्रकाश नगर सिताब दियारा के मूल निवासी एवं माननीय पटना उच्च न्यायालय के अति प्रसिद्ध जानेमाने, जनहित याचिका के एक्सपर्ट और बिहार के हर वर्ग के आवाज को जनहित याचिका के माध्यम से माननीय पटना उच्च न्यायालय में उठाकर बिहार की जनता की हित को पूरा करने के लिए सरकार को मजबूर करने वाले वरिष्ट अधिवक्ता श्री मणिभूषण प्रताप सेंगर आजकल स्वर्ण समाज की घोर अपेक्षा से आहत है । वे इसलिए नहीं कि वे स्वर्ण समाज से हैं या स्वर्ण जाति से हैं बलकि वे समाज की और राजनीति को गलत दिशा में जाने से काफी आहत हैं । उनका मानना है कि दलित और पिछड़ी जाति के लोग संख्या वाली जातियां हैं और सिर्फ वोटबैंक की वजह से और अपनी राजनैतिक महत्वकांक्षा पूरा करने के लिए सभी राजनैतिक दल और सरकार इन सभी जातियों को नौकरियां, राजनैतिक चुनाव में आरक्षण के साथ-साथ पचासों तरह की सुविधा जैसे कि प्रतियोगिता की तैयारी के लिए मुफ्त कोचिंग, भोजन के लिए मुफ्त व्यवस्था, पर्यटन वाहन के लिए लाखों के अनुदान एस.सी. एस.टी. के द्वारा सिर्फ उत्पीड़न की शिकायत पर स्वर्ण की बिना जांच की गिरफ्तारी, हर प्रमोशन में आरक्षण जैसी सुविधाएं दी जा रही है । और इसके लिए संविधान में पचासों तरह की संशोधन सरकारें कर रही हैं । लेकिन स्वर्ण समाज की गरीबों के लिए भी कोई सुविधा की जब मांग उठायी जाती है तो लोग हल्ला करते हैं कि आर्थिक आधार पर संविधान में आरक्षण नहीं है । तो क्या राजनीतिक दलों को स्वर्ण समाज के वोट नहीं चाहिए ? यदि स्वर्ण समाज अपना वोट राजनीतिक दलों के दलित पिछड़े उम्मीदवार को नहीं दें तो क्या कोई उम्मीदवार चुनाव जीत जायेगा? श्री मणिभूषण प्रताप सेंगर कई सामाजिक संगठनों, बुद्धिजीवि लोगों, एवं स्वर्ण समाज के संगठनों में इस व्याप्त कुरीति मामले पर बात की और समाज की स्थिति में सुधार लाने के लिए प्रयास करने को लेकर आग्रह किया । बिहार के जनहित याचिका के एक्सपर्ट और जनता के हित और समाज में व्याप्त कुरीतियों के लिए हमेशा लड़ने वाले अधिवक्ता श्री मणिभूषण प्रताप सेंगर से स्वर्ण जातियों के संगठनों ने भी बातें की और कहा कि दलित पिछड़ों के आरक्षण और सुविधाओं का वे समर्थन और स्वागत करते हैं । लेकिन पिछड़ा का अर्थ अति रूप से पिछड़ा होता है । तो फिर स्वर्ण समाज के छात्र और आर्थिक रूप से पिछड़ों को कोई सुविधा सरकार यदि प्रदान नहीं करती तो ऐसे गरीब स्वर्ण वर्ग के सामने अंधि गलियां खड़ी हो गयी है । जिसका निराकरण करना अभी जरूरी है । इसलिए आनेवाले चुनावों में स्वर्ण समाज को अपनी निर्णनायक भूमिका तय करने के लिए कार्य योजना बनाना चाहिए, लोगों को जुटाना चाहिए साथ ही साथ इसपर जनसमर्थन भी जुटाना चाहिए । श्री मणिभूषण प्रताप सेंगर, अधिवक्ता पटना उच्च न्यायालय का कहना है कि यहां पर विवाद का मुददा आरक्षण नहीं है बल्कि मुद्दा है गलत एवं नकारात्मक राजनीतिक और राजनैतिक दलों द्वारा अपनी राजनैतिक महत्वकांक्षा को पूरा करने के लिए समाज में फैलायी जा रही विभाजन, द्वेष और कुरीतियां हैं जोकि समाज और देश को गलत दिशा में ले जा रही है । तथा इस मामले में अंग्रेजों की भी फूट डालों और शासन करो की नीति को भी काफी पीछे छोड़ दिया है । अधिवक्ता मणिभूषण सेंगर जी का कहना है कि यह आरक्षण देश को और समाज को बर्वादी की ओर ले जा रहा है । यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है ।